आतंकवाद के खिलाफ भारत का कड़ा संदेश लेकर बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल फ्रांस पहुंचा

 


पेरिस, 26 मई 

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने कड़े रुख और ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक बहुदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल रविवार शाम फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचा। यह दौरा छह देशों के उस मिशन का पहला पड़ाव है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद पर भारत की स्पष्ट नीति और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करना है।

इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जो यह दर्शाता है कि भारत में आतंकवाद के खिलाफ एक सर्वसम्मत और राष्ट्रव्यापी नीति अपनाई गई है। इस दौरे के जरिए भारत यह संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद के प्रति कोई भी नरमी न केवल भारत के लिए बल्कि समूची मानवता के लिए खतरनाक है।

रविशंकर प्रसाद ने पेरिस पहुंचने के बाद पत्रकारों से कहा—“भारत की नीति स्पष्ट है—आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस। हम किसी भी सूरत में इस वैश्विक संकट को नजरअंदाज नहीं कर सकते। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें साझा प्रयास और वैश्विक एकजुटता की जरूरत है।”

फ्रांस, भारत का एक मजबूत रणनीतिक साझेदार है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में दोनों देश समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। 2015 में पेरिस में हुए आतंकी हमलों के बाद फ्रांस भी आतंकवाद के प्रति सख्त रुख अपनाए हुए है। ऐसे में इस मिशन की शुरुआत पेरिस से करना प्रतीकात्मक और रणनीतिक रूप से दोनों मायनों में महत्वपूर्ण है।

इस छह देशों के दौरे का मूल उद्देश्य है:

  • आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष प्रस्तुत करना

  • वैश्विक मंचों पर भारत के अनुभव और चुनौतियों को साझा करना

  • आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों के खिलाफ एकजुट वैश्विक रणनीति पर बल देना

  • रणनीतिक सहयोग बढ़ाना, खुफिया जानकारी साझा करने की पहल को मजबूत करना

फ्रांस के बाद यह प्रतिनिधिमंडल बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य और हंगरी की यात्रा करेगा। हर देश में प्रतिनिधिमंडल स्थानीय नेताओं, सांसदों, सुरक्षा विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं से संवाद करेगा।

यह बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की आवाज़ को विश्व मंचों तक पहुंचाने का एक प्रभावशाली प्रयास है। पेरिस से शुरू हुआ यह मिशन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को नई दिशा दे सकता है। भारत अब सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वह विश्व शांति और सुरक्षा के लिए भी एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

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